Breaking News

Chitfund News : पांच कंपनियां कर रही RBI की अनुमति के बिना कारोबार।

रायगढ़ (निप्र)। निवेशकों को सपनों की दुनिया दिखाकर आरबीआई की अनुमति के बिना बैंकिंग व्यवसाय करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। सेबी ने कुछ कंपनियों के कारोबार को अवैध घोषित कर दिया है। बीते 10 से 15 सालों में जिले ऐसी नान बैंकिंग कंपनियों निवेशकों से मोटी रकम जमा करा चुकी है।
जिले में फर्जी तरीके से बैंकिंग कारोबार स्थापित कर निवेशकों को सुनहरे सपने दिखाकर गलत तरीके से व्यवसाय में संलिप्त हैं। शासन के निर्देश के बाद जिला प्रशासन हरकत में तो आया और इसके लिए एक टीम बनाकर ऐसी चिटफंड कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए दस्तावेजों को तलब किया। जिसमें कई कंपनियों ने अपने दस्तावेज जमा किए और उन दस्तावेजों का परिक्षण उपरांत यह भी पाया गया कि यह कंपनयिां गलत तरीके से निवेशकों का पैसा जमा करा रही है। इसकी पुष्टि सेबी ने भी कर दी है। ज्ञात हो कि पीएसीएल कंपनी जो शहर में भी लंबे समय से निवेशकों को सुनहरे सपने दिखाकर करोड़ों रुपए इनवेस्ट कराया है। इसे सेबी ने अवैध करार दिया। ज्ञात हो कि देश भर में 1998 से अब तक पीएसीएल द्वारा 50 हजार करोड़ से अधिक वसूलने का आरोप लगा है और सेबी द्वारा पीएसीएल के प्रबंध संचालकों को निवेशकों के पैसे वापस लौटाने का आदेश दे चुकी है।
इनको सेबी ने अवैध करार दिया-
जिले में करीब 18 नान बैंकिंग कंपनियां कारोबार कर रही हैं। जिसमें से जिला प्रशासन द्वारा गठित टीम के द्वारा दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद सेबी से मांगी गई जानकारी के बाद पांच कंपनियों को अवैध करार दिया गया। जिसमें पीएसीएल इंडिया, सांई प्रसाद फुड्स, सांई प्रकाश प्रापर्टी, कोलकाता वेयर इंडस्ट्रीज तथा एसपीएनजे ग्रुप ऑफ कंपनीज शामिल हैं। जिनके पास आरबीआई से कारोबार की अनुमति नहीं है।
कंपनियां हो सकती चंपत-
निवेशकों से मोटी रकम इनवेस्ट कराने के बाद प्रशासनिक व पुलिसिया कार्रवाई के भय से कई कंपनियां चंपत हो सकती है। जो कंपनियां जिले मंें नान बैंकिं ग व्यवसाय व फायनेंस में लगी हुई हैं और जो जांच के दायरे में हैं कभी भी अपने कार्यालय में ताला लटका कर फुर्र हो सकती है। दर असल आरबीआई अलग-अलग कारोबार करने के लिए अलग-अलग अनुमति देती है। लेकिन यहां तो कंपनियां बिना अनुमति के ही लेन-देन व्यवसाय कर रही हैं।
भेड़-बकरी पालन व्यवसाय के नाम कर रहीं लेनदेन का व्यवसाय-
जिले में कार्यरत नान बैंकिंग व्यवसाय में लगी कंपनियों में अधिकतर कंपनियों को भेड़ बकरी पालन व्यवसाय व प्रोत्साहन करने की अनुमति है लेकिन ये कंपनियां इसकी आड़ में लेनदेन का व्यवसाय कर पिछले लंबे समय से कर रही हैं और इनके पास इस तरह का व्यवसाय करने का आरबीआई की अनुमति नहीं है।
नान बैंकिंग कारोबार करने वाली ये कंपनियां
जिले में जिन कंपनियों का नान बैंकिंग व्यवसाय करने पहचान की गई है उनमें से पीएसीएल, सांई प्रसाद, सांई प्रकाश फुड, कोलकाता वेयर इंडस्ट्रीज, एसपीएनजे ग्रुप आफ कंपनीज, शेयर माइक्रोफिन, चोलामंडलम, स्पंदन स्पूᆬर्ति, इंडिया इंफोलाईन, फुलटर्न इंडिया कंपनी, एडीयू क्रे डिट कोऑपरेटिव्ह, सहारा कोऑपरेटिव्ह, सिक्योर लाइफ, राजलक्ष्मी फायनेंस, सहारा लाइफ, रेडियन्ट इस्टकाम, लीजेण्ट कंपनी आदि शामिल हैं।
ये नान बैंकिंग कंपनियां हैं इन्हें चिटफंड कंपनियां नहीं कह सकते। जिनके लिए प्रशासन द्वारा एक टीम बनाई गई है। जिनका परीक्षण चल रहा है। लेकिन अब तक किसी भी मामले में निवेशकों की कोई शिकायत नहीं आई है जिससे इन पर कार्रवाई का शिकंजा कसा जा सके।
प्रफुल्ल ठाकुर
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
Source :- http://naidunia.jagran.com  www.mlmnewspaper.com   www.mlmtimes.in


chhattisgarh/raigarh-chit-fund-company-178063#sthash.TQ1LDKxs.dpuf




No comments