Gold Sukh Scam गोल्ड सुख थाई प्रा. लि.- थाईलैंड में भी थी ठगने की तैयारी
आरोपियों ने पुलिस को तीन
और बैंक खातों की जानकारी दी है, जिनमें करीब 16 लाख रुपए जमा है। पुलिस को जयपुर में चार प्लॉटों के दस्तावेज भी मिले है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनको पहले ही इस बात का अहसास हो गया था कि जयपुर में ठगी का कभी भी भंड़ाफोड़ हो सकता है और उनको भारत से भागना पड़ सकता है। इसके चलते गोल्ड सुख ठगी के मास्टरमाइंड मानवेंद्र प्रताप सिंह ने करीब एक-डेढ़ साल पहले से ही बैंकॉक आना-जाना शुरू का दिया था। इस दौरान उसने थाईलैंड निवासी पोरपोल मेक्सरिकुल नाम के व्यक्ति से संपर्क बढ़ाए। उसे अपनी गोल्ड सुख कंपनी की ऑनलाइन वेबसाइट दिखाकर झांसे में लेकर साझेदार बनाकर कंपनी खोलने की बात की, जिस पर पोरपोल सहमत हो गया। मानवेंद्र ने उसे थाईलैंड में अपनी कंपनी का निदेशक दिखाया और उसकी पत्नी को शेयर होल्डर बना दिया। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद 24 फरवरी, 2011 को वहां डिपार्टमेंट ऑफ बिजनेस में कंपनी को भी रजिस्टर्ड करवा लिया था। आरोपियों ने कंपनी रजिस्टर्ड करवाते समय कंपनी के व्यापारिक क्षेत्राधिकार में सोने, हीरे, जवाहरात, दवाएं तथा रेडिमेड गारमेंट सहित अन्य चीजें दिखा रखी है। आरोपियों ने कंपनी का कार्यालय वहां के पॉश इलाके की एक बिल्डिंग में किराये पर लेना दिखाया, लेकिन किराया ज्यादा होने पर नहीं ले पाए। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी महेंद्र सिंह निर्वाण का बैंकाक में एक बैंक खाता है, जिसमें अभी 15 लाख रुपए जमा है। वहीं महेंद्र का एक बैंक खाता जयपुर में स्थित एचडीएफसी की मुख्य शाखा में भी है, जिसमें करीब सवा लाख रुपए जमा है। source - jagran.com
और बैंक खातों की जानकारी दी है, जिनमें करीब 16 लाख रुपए जमा है। पुलिस को जयपुर में चार प्लॉटों के दस्तावेज भी मिले है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनको पहले ही इस बात का अहसास हो गया था कि जयपुर में ठगी का कभी भी भंड़ाफोड़ हो सकता है और उनको भारत से भागना पड़ सकता है। इसके चलते गोल्ड सुख ठगी के मास्टरमाइंड मानवेंद्र प्रताप सिंह ने करीब एक-डेढ़ साल पहले से ही बैंकॉक आना-जाना शुरू का दिया था। इस दौरान उसने थाईलैंड निवासी पोरपोल मेक्सरिकुल नाम के व्यक्ति से संपर्क बढ़ाए। उसे अपनी गोल्ड सुख कंपनी की ऑनलाइन वेबसाइट दिखाकर झांसे में लेकर साझेदार बनाकर कंपनी खोलने की बात की, जिस पर पोरपोल सहमत हो गया। मानवेंद्र ने उसे थाईलैंड में अपनी कंपनी का निदेशक दिखाया और उसकी पत्नी को शेयर होल्डर बना दिया। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद 24 फरवरी, 2011 को वहां डिपार्टमेंट ऑफ बिजनेस में कंपनी को भी रजिस्टर्ड करवा लिया था। आरोपियों ने कंपनी रजिस्टर्ड करवाते समय कंपनी के व्यापारिक क्षेत्राधिकार में सोने, हीरे, जवाहरात, दवाएं तथा रेडिमेड गारमेंट सहित अन्य चीजें दिखा रखी है। आरोपियों ने कंपनी का कार्यालय वहां के पॉश इलाके की एक बिल्डिंग में किराये पर लेना दिखाया, लेकिन किराया ज्यादा होने पर नहीं ले पाए। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी महेंद्र सिंह निर्वाण का बैंकाक में एक बैंक खाता है, जिसमें अभी 15 लाख रुपए जमा है। वहीं महेंद्र का एक बैंक खाता जयपुर में स्थित एचडीएफसी की मुख्य शाखा में भी है, जिसमें करीब सवा लाख रुपए जमा है। source - jagran.com
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