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छत्तीसगढ़ में 400 से अधिक चिटफंड कंपनियां निकली फर्जी

रायपुर। लोगों से निवेश के नाम पर करोड़ों रुपए वसूलने में लगी चिटफंड कंपनियों की कुंडली खंगालने पर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। प्रदेशभर में करीब 400 से अधिक चिटफंड कंपनियां फर्जी पाई गई हैं। इन कंपनियों ने पांच साल में 500 से 700 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है।
डीजीपी ने हर जिले में पुलिस के स्पेशल सेल को चिटफंड कंपनियों की कुंडली खंगालने के निर्देश दिए थे। स्पेशल सेल ने चिटफंड कंपनियों के कामकाज के तरीकों के साथ उनके दफ्तरों में जाकर एक-एक दस्तावेजों की जांच
की। अफसरों का दावा है कि पुलिसिया जांच के घेरे में सैकड़ों चिटफंड कंपनियां फंस रही हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि फर्जी चिटफंड कंपनियां लोगों को दोगुना और चारगुना मुनाफे का झांसा देकर उन्हें ठग रही हैं।
करोड़ों रुपए जुटाकर रातोरात गायब
कई कंपनियां कुछ महीने के भीतर करोड़ों रुपए जुटाकर रातोरात दफ्तर बंद कर गायब हो चुकी हैं। जब तक पुलिस के पास धोखाधड़ी के शिकार लोग पहुंचते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। कुछ महीने पहले राजेंद्रनगर में एचबीएन कंपनी का फर्जीवाड़ा सामने आया। कंपनी के लोग निवेशकों को बिना पैसे दिए फरार हो गए। पीड़ितों ने मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह से मिलकर शिकायत की तब जाकर पुलिस सक्रिय हुई। कंपनी के संचालकों खिलाफ दो अलग-अलग प्रकरण दर्जकर पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
चिटफंड कंपनियों के दावों की हकीकत जानने नईदुनिया ने पड़ताल की तो पता चला कि राजधानी समेत प्रदेशभर में संचालित 400 चिटफंड कंपनियां फर्जी हैं। ये सेबी और आरबीआई से रजिस्टर्ड नहीं हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि ये फर्जी कंपनियां लोगों को सहकारिता को-ऑपरेटिव सोसाइटी, रजिस्टर्ड ऑफ कंपनी, आरबीआई या सेबी से रजिस्टर्ड होने का दावा कर भोले-भाले निवेशकों को खुलेआम लूट रही हैं। आरबीआई और सेबी के रीजनल दफ्तर से जानकारी लेने पर पता चला कि प्रदेश में एक भी चिटफंड कंपनी रजिस्टर्ड ही नहीं है।
अफसर चिंतित
चिटफंड कंपनी, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी एवं जाली नोट के बढ़ते अपराध पर पिछले दिनों अफसरों ने घंटों मंथन किया था। अपराध अनुसंधान (सीआईडी) पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित कार्यशाला में आरबीआई, सेबी के अधिकारियों के साथ मुख्यालय के अफसरों ने चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी से बचने और जाली नोट की पहचान की जानकारी विस्तार से पुलिस अफसरों को दी थी।
क्या कहते हैं अधिकारी
बोर्ड ऑफ इंडिया अहमदाबाद के सहायक मैनेजर यू.रमेश का कहना है कि वर्तमान में बाजार में जो कंपनियां विभिन्न नाम से पैसा जमा करा रही हैं, वह कंपनियां चिटफंड कंपनी नहीं हैं, बल्कि सामूहिक निवेश योजना सीआईएस के तहत अपना काम कर रही हैं। भारत शासन के सेबी संस्थान ने इस प्रकार की 19 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें से कुछ कंपनियां अभी भी छत्तीसगढ़ में अपना व्यवसाय कर रही हैं। आम जनता सावधानी बरतें तो अच्छा होगा।
सख्ती से होगी कार्रवाई
सेबी के अफसरों का कहना है कि कोई भी कंपनी आरबीआई या सेबी से बिना अनुमति फिक्स डिपॉजिट या बैंकिंग लेन-देन का कारोबार करती है तो वह गलत है। ऐसी फर्जी कंपनियों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। छत्तीसगढ़ में जितनी भी कंपनियां चल रही हैं, सब फर्जी हैं। सेबी ने किसी भी चिटफंड कंपनी का यहां रजिस्ट्रेशन नहीं किया है। पुलिस अफसरों ने ऐसे फर्जी कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी की है।
चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश अफसरों को दिए गए हैं। निवेशकों को झांसा देकर लाखों रुपए ठगने वाली कंपनियों पर लगाम कसा जाएगा। -रामनिवास, डीजीपी Source -Navduniya Jagran.com 

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