इन चिटफंड कम्पनियो के खिलाफ मामले की जाँच कर रही है CBI
धनबाद / झारखण्ड के निवेशकों से करीब ५००० करोड़ रूपये बटोर कर फरार हो चुकी नन बैंकिंग कम्पनियो के खिलाफ राज्य सरकार ने जाँच की सिफारिश CBI से की है। सोमवार को वित्त मंत्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने सदन को भरोसा दियाला कि जो चिटफंड कम्पनियाँ पैसे हड़प कर भागी है। उनके खिलाफ CBI जाँच कराई जाएगी। धनबाद में नन बैंकिग कम्पनियो द्वारा ७०० करोड़ का घोटाला किया गया है।
आरोपित कम्पनियो के खिलाफ राज्य के विभिन्न थानो में प्राथमिकीया दर्ज है। CBI ने सभी मामलों की जाँच शुरू कर दी है तो पुलिस ने जाँच बंद कर उन्होंने जाँच एजेंसी को सौप दी है। नन बैंकिंग कम्पनियो द्वारा जमा पैसो से विभिन्न इलाको में अपनी सम्पति बना रखी है। CBI जाँच के बाद उन सम्पतियों की जब्ती और निलामी के बाद निवेशकों के पैसे वापस लौटाए जाएंगे। निवेशकों के पैसे जल्द वापस दिलाने और उन्हें सरकार स्तर पर राहत दिलाने के लिए निरसा विधायक मंगलवार को विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी लाने की तैयारी में है। इन नन बैंकिंग कम्पनियो के लुभावने विज्ञापनो के शब्द थे दुगना नही चाहिये तो हर महीने ४८ फीसदी ब्याज ले जाइये जो कि अब भाग चुकी है।
ये कम्पनियो द्वारा जमा राशि महज तीन साल में दुगना करने का दावा करती रही है। शुरू में एजेंटो को कमीशन निवेशकों को ब्याज थमाओ और फिर कम्पनी बंद कर भाग जाओ निरसा क्षेत्र में एक नन बैंकिंग कम्पनी पर पुलिस छापे के समय ये खुलासा हुआ था कि यदि कम्पनी एक लाख की जमाराशि करती है तो चार हजार रूपये नगद ब्याज देने की स्कीम चला रही है। यानी साल में ४८ फीसदी ब्याज मिलने के बाद भी मूलधन सुरक्षित है।
इन कम्पनियो पर दर्ज है FIR
१ ) भविष्य ग्रुप ऑफ़ कम्पनी
२ ) वेब इंफ्रा
३) एरिल ग्रुप
४ ) वेयर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर
५ ) रोज वैली
६ ) कोलकाता वेयर इंडस्ट्रीज लिमिटेड
७ ) यूरो ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज
source ;- www.mlmnewspaper.com
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