फर्जी Chit fund कंपनी की शिकायत करने पहुंचे एजेंट
मामला सामने आया। कंपनी ने एजेंटों के जरिये जिलेभर में पॉलिसियां बांट दी।
पॉलिसी के परिपक्व होने पर पॉलिसीधारकों को एजेटों से पैसा दिलाने को कहा।
शुक्रवार को एजेंट जब जिला मुख्यालय पर स्थित कंपनी के कार्यालय पहुंचे तो बंद
मिला। जब शनिवार को फिर से कार्यालय पहुंचे तो वहां ताला लटका मिला। एजेंट ने
कंपनी के भागने की शंका पर सीएसपी से शिकायत की। जहां सीएसपी ने एजेंटों की पीड़ा सुन जांच के आदेश दे दिए।
शनिवार को चिटफंड कंपनी जीएन गोल्ड के एजेंट कंपनी की शिकायत
करने सीएसपी कार्यालय पहुंचे। यहां एजेंटों ने बताया कि कंपनी के योजना
के तहत हमने लोगों को पॉलिसी दी। इसके बदले हमें प्रत्येक पॉलिसी पर 2
प्रतिशत देने का वादा भी किया। इसके बाद जिलेभर के एजेंटों ने कंपनी लाखों
रूपए की पॉलिसी करके दी। इसके बाद जब पॉलिसीधारकों की परिपक्वता की
तारीख आने पर कंपनी के कार्यालय पहुंचे, तो वहां ताला लगा मिला। दिल्ली
स्थित कंपनी के हेड ऑफिस पर फोन किया तो उन्होंने चेक बनने की बात कही ।
काफी दिन बीत जाने के बाद भी चेक नहीं आए। इसके बाद संबंधित अधिकारी
को शुक्रवार और शनिवार को फोन किया तो उनकों मोबाइल फोन भी बंद आ रहा है।
इस दौरान सीएसपी वीएस द्विवेदी ने जांच के आदेश दे दिए।
30 लाख रूपए दिए
एजेंटों ने सीएसपी द्विवेदी को बताया कि जिलेभर में लोगों की पॉलिसी की गई है, जिससे
एकत्रित करीब 30 लाख रूपए कंपनी में जमा करवाए गए हैं। इसके बाद सीएसपी द्विवेदी ने
थाना कोतवाली में फोन लगाकर एएसआई संजय पुरोहित को चिटफंड कंपनी जीएन गोल्ड के
काशीबाग स्थित कार्यालय की जांच करने और कंपनी के खाते की जानकारी लाने को कहा गया।
पूर्व में भी थी शिकायत
चिटफंड कंपनी की पूर्व में शिकायत एजेंटों ने कोतवाली थाने में की थी। एजेंटों का कहना है
कि कंपनी 2006 से लेकर 2010 तक लोगों रिटर्न एवं एजेंटों को अच्छा कमीशन दिया, लेकिन
विगत डेढ़ दो साल से न तो हमें कमीशन मिला न ही लोगों को पॉलिसी का रूपया कंपनी दे रही है।
ऑफिस मेें लगा ताला
कंपनी के नाम से साढ़े सात लाख रूपए की पॉलिसी करवाई थी। इसमें से अधिकतर लोगों की
पॉलिसी परिपक्वता हो गई और रूपए लेने के
लिए आने लग गए। जब कंपनी कार्यालय पहुंचे तो वहां से दो दिनों से ताला लगा हुआ है।
राधेश्याम राठौर, एजेंट
फोन ही नहीं उठा रहे
लोगों की पॉलिसी तारीख पूरी होने पर जब कंपनी के अफसरों को फोन लगाया तो वह उठा नहीं रहे हैं। ए
क अन्य अधिकारी ने अपना मोबाइल ही बंद कर दिया है। यदि लोगों के रूपए नहीं मिले तो हमारे सामने
परेशानी खड़ी हो जाएगी।
लाखन सेन, एजेंट
बदले कंपनी के नाम
पहले कंपनी जीएन डेयरी, जीएन गोल्ड और जीएन इंडिया लिमिटेड हो गई थी। हम तीनों कंपनियों के
नाम से पॉलिसी लेकर आए हैं। कई पॉलिसी तो ऎसी है कि एक साल से अधिक समय होने के बाद भी
पैमेंट नहीं आया है। इसके साथ ही हमारा कमीशन भी कई माह का बकाया है।
राहुल रघुवंशी, एजेंट
जांच के आदेश दिए
चिटफंड कंपनी के एजेंट शिकायत करने आए थे। कंपनी के बैंक अकाउंट से किस-किस लोगों को पैंमेट
किया गया, उसकी जानकारी निकाली जा
रही है। साथ ही काशीबाग स्थित कार्यालय के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कोतवाली पुलिस को कहा है। -
वीएस द्विवेदी, सीएसपी धार -
Source : http://www.patrika.com www.mlmnewspaper.com
news/report-fraudulent-chit-fund-company-arrived-agent/1031307#sthash.xK9LiHqo.dpuf
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