नटवरलाल - चोरी के बाद बदला चेहरा, चोर है या चमत्कार?
Shri420 : तनुज, संजय, राहुल, विजय और कुणाल। ये पांचों नाम एक ऐसे शख्स के हैं, जिसके खिलाफ 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसकी कहनी भी उतनी ही दिलचस्प है।
पहचान और चेहरा बदल कर अपराध करने वाले आज के इस नटवरलाल का असली नाम है तनुज। वह 10 से 12 वारदात करने के बाद अपना नाम बदल लेता था।
जब उसकी तस्वीर दिल्ली और आस-पड़ोस के थानों में चिपकाई तो उसने सर्जरी कराकर अपनी शक्ल भी बदल डाली। वो कभी पुजारी बना तो कभी पत्रकार
घोषित बदमाश
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, तनुज का जन्म दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में हुआ था। शुरू-शुरू में वह घरों में चोरी करता था। इस दौरान उसकी दोस्ती एक युवती से हो गई। इसके बाद वह शौक पूरे करने के लिए अपराध के दलदल में धंसता चला गया।
तनुज जब बदनाम हुआ तो अपना नाम संजय रख लिया। उसके बाद वह वाहन चोरी और लूटपाट करने लगा। घोषित बदमाश होने के बाद संजय राहुल बना गया। इसके बाद वह विजय और आखिर में कुणाल बना।
वैसे तो पुलिस ने उसे धर लिया था, मगर 15 सितंबर को वह पानीपत में पुलिसकर्मियों की आंखों में मिट्टी डालकर फरार हो गया। इसके चलते अमर कॉलोनी के तत्कालीन थानाध्यक्ष रविकांत और श्रीनिवासपुरी चौकी प्रभारी राजेंद्र डागर को लाइन हाजिर कर दिया गया था।
तू डाल-डाल तो मैं पात-पात
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त डॉक्टर पी. करुणाकरन ने बताया कि 14 सितंबर को चौकी प्रभारी राजेंद्र डागर और एसआई ओमप्रकाश व एसआई प्रकाश की टीम ने उसे श्रीनिवासपुरी से दबोच लिया था।
पूछताछ में कुणाल ने बताया कि वह चोरी की गाड़ियां कैथल निवासी वीरेंद्र को देता है। इसी सिलसिले में पुलिस उसे लेकर कैथल जा रही थी तभी वह पानीपत से फरार हो गया। मगर पुलिस ने भी तू डाल-डाल तो मैं पात-पात वाली कहावत साबित कर दी। लाइन हाजिर होने के बाद भी डागर की टीम बदमाश के पीछे पड़ी रही और उसे मेरठ से धर दबोचा। Source - amarujala.com
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